What does Shrimad Bhagavad Gita say about Kalki Avatar कल्कि अवतार के संबंध में श्रीमद्भगवद्गीता क्या कहती है

                                        न मे विदुः सुरगणाः प्रभवं न महर्षयः।

                                           अहमादिर्हि देवानां महर्षीणां च सर्वशः।।               भगवत गीता  ।।10.2।।

मेरे प्रकट होनेको न देवता जानते हैं और न महर्षि; क्योंकि मैं सब प्रकारसे देवताओं और महर्षियोंका आदि हूँ।

   



भगवत गीता के अनुसार भगवान विष्णु के भविष्य में होने वाले अवतार के बारे में कोई भी नहीं जान सकता है श्रीमद भगवत गीता में स्वयं भगवान ने कहा है कि मेरे प्रकट होने को ना तो कोई  ब्रह्म ऋषि और ना ही कोई देवता ही जान सकते हैं अर्थात परमात्मा भगवान विष्णु के अवतार के होने का कोई भी भविष्यवाणी नहीं कर सकता है इसलिए  कल्कि पुराण जैसा कि भगवान कल्कि की सभी लीलाओं का वर्णन करता है वैसा सत्य नहीं है भगवान की संपूर्ण लीलाओं का वर्णन कोई भी नहीं कर सकता है और ना ही भविष्य में कोई कर पाएगा अर्थात भगवान की जितनी भी लीलाएं पहले हो चुकी हैं सिर्फ उन्हीं का वर्णन किया जा सकता है भविष्य में होने वाले अवतार का वर्णन नहीं किया जा सकता इसलिए जैसा कल्कि पुराण में दिया गया है वैसा नहीं होने वाला है लेकिन यह सत्य है कि भगवान का अवतार होता है इसलिए कल्कि अवतार के बारे में जो लिखा गया है कल्कि पुराण वह सही नहीं है 




According to the Bhagavad Gita, no one can know about the future incarnation of Lord Vishnu. No one can predict the incarnation of Lord Vishnu, so the Kalki Purana is not true as it describes all the pastimes of Lord Kalki. One will be able to do that, that is, all the pastimes of God that have been done before can only be described. God has an incarnation, so what has been written about Kalki Avatar is not correct in Kalki Purana.

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