सनातन धर्म क्या है?

 धर्मसंस्थापनार्थाय-कृष्ण भगवान ने गीता मे जो उपदेश दिया है वही सनातन धर्म है |



                                                   परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्।

                                                   धर्मसंस्थापनार्थाय संभवामि युगे युगे।।4.8।।


सनातन धर्म की स्थापना  भगवान् ने की ,  इसलिये  धर्मकी संस्थापना करनेके लिये भगवान् अवतार लेते हैं। संस्थापना करनेका अर्थ है-- सम्यक् स्थापना करना। तात्पर्य है कि धर्म का कभी नाश नहीं होता, केवल ह्रास होता है। धर्मका ह्रास होनेपर भगवान् पुनः उसकी अच्छी तरह स्थापना करते हैं |


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