श्रीमद्भगवद्गीता में सर्वशक्तिमान परमात्मा के बारे में बताया गया है। लेकिन गीता जी का मुख्य उद्देश्य यह बताना है कि व्यक्ति केवल तत्व ज्ञानी की शरण में जाकर और परमात्मा की भक्ति करके ही मोक्ष को प्राप्त कर सकता है।
एकं शास्त्रं देवकी पुत्र गीतम्।
एको देव देवकी पुत्र एव च ।।
मंत्रोडपि एकं तस्य नामानि यानि।
कर्मोडपि एकं तस्य देवस्य सेवाः।।
सनातन धर्म की स्थापना करने वाले श्री कृष्ण ही मुख्य देव है , श्रीमद् भगवद्गीता माहात्म्यं में बताया गया है की हिंदुओं के लिए सिर्फ एक ही धर्म शास्त्र है वो है गीता अन्य ग्रंथ पूरक ग्रंथ है अतः सभी को गीता का पाठ करना चाहिये |
1.मुख्य शास्त्र श्रीमद् भगवद्गीता है|
2.मुख्य देव परमात्मा ओम है|
3.मुख्य मंत्र ॐ तत सत है|
4.सर्वश्रेष्ठ कर्म गीता के अनुसार देव सेवा है|